मेरे दिल से उतर गए वो भाई, जिन्हें मैंने गले लगाकर दिल में उतारा था और इन्ही भाइयों ने मुझे गले लगाकर मेरे पीठ के पीछे आइने में अपनी क्रूर धोखेबाज मुस्कान देखनी चाही.
मेरे दिल से उतर गए, वो सारे आदमी जिन्हें मैंने दिल से सर कहा लेकिन एक दिन वो सारे सर चढ़े सर साबित हुए. उन्होंने नहीं देखा सामने का साफ शीशा. उन्होंने देखनी चुनी धोखेबाज भाइयों के शक्ल देखने वाले आइने में अपनी डिप्लोमैटिक मुस्कान. मेरे दिल से उतर गए मेट्रो के गेट पर खड़े वो रिक्शेवाले जो रास्ता रोके खड़े रहते हैं और कभी ये समझने की कोशिश नहीं करते कि बंद दरवाजों से निकले लोगों को रास्ता देना चाहिए. मेरे दिल में उन लोगों के रहने की गुंजाइशें भी कम होने लगी, जिनके वॉट्सऐप संदेशों और फोन की टोन से मेरे हैडफोन से सुनाई देते गानों की आवाज़ धीमी हो गई.
PC: SUMER SINGH RATHORE |
मेरा अक्सर मन किया कि मैं इन शोरों से बचने के लिए हेडफोन की आवाज़ इतनी तेज कर दूं कि कुछ सुनाई न दे. बस तेज आवाज़ में गाने मुझे इस दुनिया से तब तक अलग कर दें, जब तक कोई अंजान आकर ये न कह दे कि आपकी शर्ट पर खून दिख रहा है. हेडफोन की तार से तैरता खून मेरी नाभी को छुएगा, तब शायद मेरा दिल खुद को माफ कर पाएगा. माफ कि मैंने भावुक होकर गलतियां की और अपने अच्छे दोस्तों को खोया. लेकिन इस बात को मैंने कभी स्वीकार नहीं किया. मैंने भावुक होने की गलती को गलती नहीं माना.
मैं नफरत करने लगा हूं उन लोगों से, जो शुभकामनाओं की अपेक्षा रखते हैं और इस बात से बेखबर हैं कि जिन तारों और चांद की पूजा होती है, वो खुद टूट और घट जाते हैं. मेरे दिल से उतर गया वो पलंग, जिसकी लकड़ी शायद उस पेड़ को काटकर आई होगी...जहां किसी जोड़े ने अपने पहले नाम का अक्षर घंटों गोदने के बाद उकेरा होगा. मैं ज़मीन पर बिस्तर लगाकर दिनभर गमले को देखा करता हूं.
मेरे दिल उतर गए वो दोस्त भी, जिन्हें महीनों मे मेरी याद आई और इस याद के अगले ही पल एक काम की बात याद आई. मैं एक वक्त में बस किसी एक बात के लिए तैयार था. मेरे दिल से मेरा दिल भी उतरता जा रहा है, जो हर छोटी बड़ी बात पर इतना खुश, दुखी और बेचैन हो जाता है. मैं अपने लोगों को उतारते और चढ़ाते दिल से नफरत करता हूं. नफरत कि इनमें कमबख्त अब भी कुछ यादें ज़िंदा हैं और ठीक इसी पल यही दिल प्यार के नए मोर्चों के लिए तैयार धड़कता रहता है. इस दिल को बंद हो जाना चाहिए या इसकी ख्वाहिशों को. मेरे दिल से उतर गईं वो लड़कियां भी, जो बात मान गईं कि अब हम कभी साथ नहीं रहेंगे और वो लड़के भी, जिन्होंने सख्त लौंडे दिखने की चाह में ये लाइनें कहीं. मेरे दिल से उतर गया मैं... जो ये बातें कभी कह नहीं पाया और बस लिखना चुना. मैं दिल से उतार दूंगा उन लोगों को भी जो मुझसे ये पढ़कर पूछेंगे कि क्या हुआ, सब ठीक तो है? क्योंकि यहां मैं...मैं नहीं हूं. एक खाली दिल है, जहां इस वक्त कोई नहीं है. बस खाली दिल है और आंखें हैं, जो कहीं जाकर सोना चाहती हैं.
कोई उठाने आया तो मैं उसे भी दिल से उतार दूंगा. फिर क्या हुआ कि ये भी सच है कि मैं भी न जाने कितने ही लोगों के दिल से इन्हीं वजहों से उतरा हूं. फिर भी मुझे इस खाली दिल के साथ वहां सोना है, जहां कोई उठाने आए तो पसमंजर में लगभग चीखते हुए एआर रहमान की आवाज़ आए...'जागे हैं देर तक, हमें कुछ देर सोने दो, थोड़ी सी रात और है..सुबह तो होने दो. आधे अधूरे ख्वाब जो पूरे न हो सके, एक बार फिर से नींद में ख्वाब बोने दो.'
Us khali ko sukoon bhi chahiye hota hai
जवाब देंहटाएंKhair bahut ache vichar hai 👏🏻👏🏻